प्रभु आराधन में आर्त्त हृदय की करुण पुकार है; असहनीय पीड़ा-वेदना है; मान-मनुहार है; तीव्र संवेदना है, जिसके परिणाम-स्वरूप मानव सुख-दुःख व आशा-निराशा के झूले में झूलता रहता है, जो भक्ति गीतों के रूप में आपके समक्ष हैं। ‘प्रभु आराधन’ ईश्वरीय भक्ति है; मन की शक्ति है, जो आस्था और विश्वास की डोर को मज़बूती प्रदान करती है। यह मानव हृदय में आत्मविश्वास जाग्रत करती है और मैं से तुम होने की राह दर्शाती है, जहाँ उसे अनहद नाद के स्वर सुनायी पड़ते हैं और मन दिव्यानंद प्राप्त कर भाव-विभोर हो जाता है। इसके साथ ही ये भक्ति गीत मिथ्या संसार व जीवन की क्षणभंगुरता के बारे में चिंतन-मनन करने; हृदय के उद्गारों को गुनगुनाने व सुक़ून पाने पर विवश करते हैं।
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